उत्तरमध्यरेलवे
परिचय
भारतीय रेल में अग्रणी उत्तर मध्य रेलवे के कार्यक्षेत्र में तीन मंडल अर्थात इलाहाबाद, झांसी, आगरा हैं। नई दिल्ली-हावड़ा ट्रंक रूट पर स्थित यह ज़ोन उत्तर में गाज़ियाबाद (रहित)से पूर्व में मुगलसराय (रहित) तक और नई दिल्ली-मुंबई /चेन्नई कारीडोर पर उत्तर में पलवल (रहित) से दक्षिण में बीना (रहित) तक विस्तारित है।
उत्तर मध्य रेलवे अपने नेटवर्क के अंर्तगत उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश आदि राज्यों के बड़े भू-भाग को अपनी सेवा प्रदान कर रही है। उत्तर मध्य रेलवे की कुल लंबाई 3192 रूट किलोमीटर है और इसके अधिकतर सेक्शन दोहरी लाइनों वाले एवं विद्युतीकृत हैं।
उत्तर मध्य रेलवे में बड़ी लाइन,मीटर गेज तथा नैरो गेज (धौलपुर-सिरमथुरा सेक्शन तथा ग्वालियर-श्योपुरकलां सेक्शन) तीनों सिस्टमों में कुल 389 स्टेशन हैं तथा यह जोन पूरे देश को यात्री यातायात कॉरीडोर के रूप में अपनी सेवा प्रदान कर रहा है।
रूट | उत्तर-पूर्व | उत्तर-दक्षिण/पश्चिम |
राजधानी एक्सप्रेस | 18 | 16 |
शताब्दी एक्सप्रेस | 04 | 04 |
गरीब रथ | 08 | 06 |
संपर्क क्रांति | 10 | 22 |
दूरंतो एक्सप्रेस | 08 | 14 |
युवा एक्सप्रेस | 2 | 2 |
यात्री सेवा
संपूर्ण उत्तर मध्य रेलवे में प्रतिदिन 708 मेल/एक्सप्रेस एवं 260 पैसेंजर गाड़ियों का संचालन होता है। इनमें अत्याधुनिक सुपरफास्ट, शताब्दी, दूरंतो, गरीब रथ, युवा, जन शताब्दी, प्रीमियम एवं राजधानी सेवाएं सम्मिलित हैं जो ग्राहकों को आरामदायक एवं सुविधाजनक सेवा की प्रतीक हैं। वर्ष 2014-2015 के दौरान 17.55 करोड़ यात्रियों द्वारा किराए के रूप में रुपए 1798.71 करोड़ का भुगतान किया गया।
मालभाड़ा यातायात
इस रेलवे पर मालभाड़ा यातायात की सघनता भारतीय रेल में उच्चतम है। ट्रंक रूट अर्थात् गाजियाबाद-मुगलसराय के बीच 121% से 157% तथा पलवल-बीना सेक्शन में 106% से 150% तक ट्रैक क्षमता का उपयोग किया जा रहा है।